वो चलती रही बढ़ती रही रास्ते बनते गए और वो चलती रही चलती रही ...
Tag: Abhivyakti
अब नहीं तो कब!
अब नहीं तो फिर कब भरेगी रंग अपनें सपनों में बनाएगी अपना आसमां। हां अब नहीं…
वो चलती रही बढ़ती रही रास्ते बनते गए और वो चलती रही चलती रही ...
अब नहीं तो फिर कब भरेगी रंग अपनें सपनों में बनाएगी अपना आसमां। हां अब नहीं…